केंद्रीय पर्यावरण राज्यमंत्री अनिल माधव दवे का 18 मई को निधन हो गया। दवे 5 जुलाई 2016 में केंद्रीय मंत्री बने थे और मध्यप्रदेश बीजेपी का बड़ा चेहरा थे। संघ से ताल्लुक रखने वाले अनिल दवे को एक प्रखर प्रवक्ता के तौर पर जाना जाता था। नर्मदा नदी को बचाने के लिए अनिल माधव ने बहुत काम किया। उन्होंने पर्यावरण को बचाने के लिए कई किताबें भी लिखीं। दवे एक अच्छे पर्यावरणविद थे और इसीलिए उन्होंने नर्मदा नदी के लेकर मुहिम भी चलाई। भोपाल में अपने घर का नाम भी उन्होंने नदी का घर रखा, जिसे लोगों के लिए एक संग्रहालय के रूप में खोला गया है। अनिल माधव दवे को चुनाव प्रबंधन में महारत हासिल थी। भाजपा संगठन को मजबूत करने में अनिल माधव दवे ने अहम भूमिका निभाई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। पीएंम ने कहा कि वे दवे के आकस्मिक निधन से बहुत आहत हैं। अनिल माधव दवे हमेशा एक समर्पित जन सेवक के रूप में याद किए जाएंगे। वह पर्यावरण संरक्षण के लिए पूर्ण समर्पण के साथ काम कर रहे थे। उनका निधन मेरे लिए एक व्यक्तिगत नुकसान है। उपराष्ट्रपति तथा राज्यसभा के सभापति श्री एम हामिद अंसारी ने पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री अनिल माधव दवे के निधन पर शोक व्यक्त किया है। अपने संदेश में श्री अंसारी ने कहा कि श्री दवे 2009 से राज्यसभा के सक्रिय तथा सम्मानित सदस्य थे। उनके साथ काम करने वाले सभी लोगों को उनकी कमी खलेगी।
पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे का निधन
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