विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने 22 सितम्बर को ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय विज्ञान ग्राम संकुल परियोजना’ का शुभारंभ किया, जिसके तहत उत्तराखंड में क्लस्टर अवधारणा के जरिये सतत विकास के लिए उपयुक्त विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संबंधी कदमों पर अमल करने का प्रयास किया जाएगा। देश के ग्रामीण क्षेत्रों के उत्थान और आर्थिक विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग विभिन्न पहलो का क्रियान्वयन कर रहा है।
डीएसटी और उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूसीओएसटी), ग्रामोदय नेटवर्क, सुरभि फाउंडेशन और उत्तराखंड उत्थान परिषद के अधिकारियों तथा अन्य विशेषज्ञों के बीच अनेक दौर की वार्ताओं के बाद गैंदिखाता, बजीरा, भिगुन (गढ़वाल) और कौसानी (कुमाऊं) में चार क्लस्टरों का चयन किया गया है, ताकि वहां आवश्यक उपायों पर अमल किया जा सकें। इसके अलावा स्थानीय लोगों के साथ भी गहन चर्चाएं की गईं तथा विभिन्न संबंधित क्षेत्रों का दौरा किया गया, ताकि इन क्लस्टरों में मौजूद चुनौतियों और अवसरों की पहचान की जा सके। इस परियोजना से पॉयलट चरण के दौरान उत्तराखंड के 60 गांवों के चार चिन्हित क्लस्टरों में करीब एक लाख लोग प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगे। ये क्लस्टर विभिन्न ऊंचाइयों (3000 मीटर तक) पर अवस्थित हैं। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने इस परियोजना के लिए अगले तीन वर्षों की अवधि के दौरान 6.3 करोड़ रुपये की सहायता देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय विज्ञान ग्राम संकुल परियोजना
Filed in: Year 2017, प्रमुख योजनाएँ, भारत, सम-सामयिकी, सामान्य ज्ञान, सामान्य ज्ञान लेख, सितम्बर 2017